मध्यप्रदेश में स्टार्टअप शुरू कीजिए, राज्य सरकार देगी एक करोड़ तक की सब्सिडी



  • मध्यप्रदेश उदयोग संवर्धन नीति में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंत्रिपरिषद ने दी मंजूरी

  • रेत की खदानों में सीसीटीवी और रेत का परिवहन करने वाले वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा

  • एनओसी लेने की व्यवस्था खत्म होगी 30 दिन के अंदर यदि अनुमति नहीं मिलती है तो स्वतः अनुमति मान ली जाएगी  


भोपाल। दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर  के अनुसार, इंदौर में आयोजित होने वाली 'मैग्नीफिसेंट एमपी' से पहले हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के स्टार्टअप नीति को भी सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत 1 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। कैबिनेट ने नई रियल एस्टेट नीति को भी मंजूरी दी है। पुरानी रियल एस्टेट पॉलिसी में बदलाव करते हुए अब बिल्डर को 27 की जगह सिर्फ पांच दस्तावेज ही देना होंगे। इसके साथ ही लघु और सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहन देने के इरादे से नई एमएसएमई विकास नीति 2019 को मंजूरी भी दी गई है। 




मंत्रिपरिषद ने आज यहां मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति 2014 में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसके तहत निवेश प्रोत्साहन की राशि की अधिकतम सीमा 150 करोड़ रूपयों से बढ़ाकर 200 करोड़ रूपए कर दी गयी।मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में इन संशोधनों को स्वीकृति प्रदान की गयी। विनिर्माण इकाइयों को अपशिष्ट प्रबंधन, ध्वनि प्रदूषण उपकरणों, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा उपकरण तथा जल संरक्षण उपायों की स्थापना पर किए गए व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम एक करोड़ रुपए की सहायता दिए जाने का प्रावधान किया गया है। 




कैबिनेट के निर्णय 



  • स्टार्टअप की निगरानी करने के लिए एक स्वतंत्र संस्था का भी गठन होगा। बेस्ट स्टार्टअप को सरकार एक लाख का पुरस्कार देगी।

  • भोपाल इंदौर के साथ अब जबलपुर और ग्वालियर में भी सेंटर खोले जाएंगे।

  • पीथमपुर में स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क के लिए आरक्षित जमीन जापान सहित अन्य देशों के लिए आरक्षित की गई जमीन में से 72 हेक्टेयर प्रदेश सरकार ने वापस ले ली है।  

  • इलेक्ट्रिक वाहन नीति को भी मंजूरी दी है। इसके तहत अगले 5 साल में 2000 बसें खरीदी जाएंगी। यह बसें इंटरसिटी चलेंगी। 

  • 5 साल में ई-रिक्शा के क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। 

  • ऑटो रिक्शा बस सहित अन्य वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए चार्जिंग स्टेशन के लिए भी सब्सिडी दी जाएगी।

  • रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन क्षेत्र में निजी भवन का इस्तेमाल भी पर्यटन के लिए किया जा सकेगा। 

  • दो तिहाई भवन का इस्तेमाल टूरिस्ट के लिए करने की अनुमति होगी।

  • गौण खनिज की नीलामी की जाएगी। खदानों की नीलामी अब सरकार करेगी।

  • 25 करोड़ से अधिक गुणकारी क्षेत्र में निवेश करने पर नीलामी की जगह सीधे जमीन का पट्टा दिया जाएगा।

  • निजी भूमि पर भी गौण खनिज के खनन का पट्टा मिलेगा। इसमें रॉयल्टी 15 परसेंट से बढ़ाकर ली जाएगी।

  • गिट्टी से रेत बनाने की यूनिट को प्रोत्साहित करने के लिए रॉयल्टी 125 रुपए से घटाकर 50 रुपए करने पर भी निर्णय लिया गया। 

  • ग्रेनाइट वेस्ट की भी नीलामी होगी। इसके लिए भी प्रबंध के पास जारी किए जाएंगे। रॉयल्टी 50 रुपए कर दी गई है।

  • नई खनिज नीति के तहत अब रेत के अवैध उत्खनन रोकने के लिए रेत की खदानों में सीसीटीवी और रेत का परिवहन करने वाले वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा।

  • विकास प्राधिकरणों के लिए भी लैंड पूलिंग पॉलिसी बनाई जाएगा। अवैध कॉलोनियों की समस्याओं से निपटने के लिए अधिनियम में संशोधन होगा।

  • नई रियल एस्टेट नीति को मंजूरी। डेवलपर और कॉलोनाइजर को अपने प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए लिए अब 27 की जगह पांच दस्तावेज देने होंगे। 

  • रजिस्ट्रेशन स्टांप शुल्क के लिए एक अलग ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा।

  • नजूल की एनओसी लेने की व्यवस्था खत्म होगी 30 दिन के अंदर यदि अनुमति नहीं मिलती है तो स्वतः अनुमति मान ली जाएगी। 

  • इसके अलावा सरकार जल्द अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण को लेकर एक्ट में संशोधन करेगी।

  • सरकार ईडब्ल्यूएस का निर्माण करेगी। 4 साल में छह लाख ईडब्ल्यूएस बनाए जाएंगे।